Month: June 2021

गीता ज्ञानः ऐसे लोगों की भगवान हमेशा रक्षा करते हैं

अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जना: पर्युपासते। तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ।। गीता 9/22।। अर्थ : जो भक्तजन अनन्य भाव से मेरा...

ज्यादातर इस तरह के व्यक्ति फंसते हैं जन्म-मरण के चक्र में

ते तं भुक्त्वा स्वर्गलोकं विशालं क्षीणे पुण्ये मर्त्यलोकं विशन्ति | एवं त्रयीधर्ममनुप्रपन्ना गतागतं कामकामा लभन्ते || गीता 9/21|| अर्थ: वे...

जानें कैसे मिलता है स्वर्ग और किस तरह के भोगते हैं दिव्य सुख

त्रैविद्या मां सोमपा: पूतपापा यज्ञैरिष्ट्वा स्वर्गतिं प्रार्थयन्ते। ते पुण्यमासाद्य सुरेन्द्रलोक मश्र्नन्ति दिव्यान्दिवि देवभोगान्।।गीता 9/20|| अर्थ: तीनों वेदों के ज्ञाता, सोमरस...

तो इस तरह भगवान ने बताया किस तरह होता है सबका लालन-पालन

गतिर्भर्ता प्रभु: साक्षी निवास: शरणं सुहृत्| प्रभव: प्रलय: स्थानं निधानं बीजमव्ययम्|| गीता 9/18|| अर्थ: सबकी परम गति, भरण-पोषण करने वाला,...

भगवान ने बताया अगर इसे नहीं जाना तो तुम्हारा जीवन बेकार

पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामह:| वेद्यं पवित्रमोङ्कार ऋक्साम यजुरेव च|| गीता 9/17|| अर्थ: मैं इस जगत का पिता, माता, पितामह...

भगवान ने बताया केवल मंदिरों में नहीं, यहां भी मैं हूं

अहं क्रतुरहं यज्ञ: स्वधाहमहमौषधम् | मन्त्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं हुतम् || गीता 9/16|| अर्थ: कर्मकाण्ड मैं हूं, यज्ञ मैं हूं, स्वधा मैं हूं,...

श्रीकृष्ण ने बताया है इतने प्रकार के होते हैं भक्त, आप कैसे हैं?

ज्ञानयज्ञेन चाप्यन्ये यजन्तो मामुपासते | एकत्वेन पृथक्त्वेन बहुधा विश्वतोमुखम् || गीता 9/15|| अर्थ : अन्य योगी ज्ञानयज्ञ द्वारा मुझे एकी...

भगवान से धन चाहने वाले केवल इसी बात की रखते हैं इच्छा

सततं कीर्तयन्तो मां यतन्तश्च दृढव्रता:। नमस्यन्तश्च मां भक्त्या नित्ययुक्ता उपासते।। गीता 9/14।। अर्थ: दृढ़ निश्चयवाले भक्त निरंतर मेरा कीर्तन करते...

इस समान होते हैं मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने वाले

मोघाशा मोघकर्माणो मोघज्ञाना विचेतस: | राक्षसीमासुरीं चैव प्रकृतिं मोहिनीं श्रिता: || गीता 9/12|| अर्थ: वे व्यर्थ आशा, व्यर्थ कर्म और...

तो इस तरह हुई संपूर्ण ब्रह्माण्ड की रचना

मयाध्यक्षेण प्रकृति: सूयते सचराचरम् | हेतुनानेन कौन्तेय जगद्विपरिवर्तते || गीता 9/10|| अर्थ: हे अर्जुन ! मेरी अध्यक्षता में प्रकृति चराचर...