हिन्दुभूमि की हम संतान || Hindu Bhoomi Ki Hum Santam || Geet
हिन्दुभूमि की हम संतान नित्य धरेंगे उसका ध्यान
नील गगनमें लहरायेंगे भगवा अमर निशान
स्वार्थ छोड़कर सब अपना माया ममता का सपना
नींद हमारी छोड़े हम आगे कदम बढ़ाये हम
कदम कदम पर हिल मिल गायें यह स्फूर्ति का गान
झगड़े छोड़े ऐक्य करे हम धर्म संस्कृति नहीं भूले हम
इतिहासों की साक्षी ले हम नरवीरो का स्मरण करें हम
विपद स्थिति से मातृभूमि का करना है उत्थान
संघ कार्य आसान नहीं है लेकिन डरना काम नहीं है
निशदिन कष्ट उठाना है कार्य पूर्ति अब करना है
मातृभूमि का मान बढानें होना है बलिदान
रामचंद्र की भूमि यही है नन्दलाल की भूमि यही है
क्षात्र धर्म का तेज यही है मानवता का मोल यही है
देशभक्त ओर नरवीरो का प्यारा हिन्दुस्थान