Dhwajaropanam Mantra-ध्वजारोपणम् मन्त्र
॥ ओम् नमोस्तुते ध्वजाय सकल भुवन जनहिताय विभव सहित विमल चरित बोधकाय मंगलाय ते सततम् ॥ || om namostute dhvajāya...
॥ ओम् नमोस्तुते ध्वजाय सकल भुवन जनहिताय विभव सहित विमल चरित बोधकाय मंगलाय ते सततम् ॥ || om namostute dhvajāya...
ध्वजपुजनी असावी निस्वार्थस्वरुप सेवा ॥धृ॥ रक्तात तेच भिनले चित्तात तेच रुजले बल त्यातुनीच वाढे नच माहिती विसावा ॥१॥ उसनी नकोच...
धवल यशाचे पाईक आम्ही पणाला लावू कीर्ति यशःश्री आणू खेचुन समाजचरणी वाहू॥धृ॥ या मातेच्या भालावरती हिमरत्नांचा किरिट या जननीचे चरण...
धरती की शान तू भारत की सन्तान तेरी मुठ्ठियों में बन्द तूफ़ान है रे मनुष्य तू बडा महान है भूल...
धर्मवीर हम कर्मवीर हम भारत की सन्तान हमको है गौरव स्वदेश का हमे देश अभिमान ॥धृ॥ धर्म हमारा मानवता है...
धर्म के लिये जिये समाज के लिये जिये ये धडकने ये श्वास हो पुण्यभूमी के लिये कर्मभूमी के लिये ॥धृ॥...
हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे l संगठन का भाव भरते जा रहे ll यह सनातन राष्ट्र मंदिर है...
धर्म कर्म के चरण बढ़े हैं धरती पर इन्सान के सदियों के पश्चात आज फिर स्वर गूँजे निर्माण के धरती...
उठो जवानो बेला आयी मन्दिर के निर्माण की अवध पूरी को चलना है अब बाजी है संम्मान की जय बजरंगी...
धर्म अधर्म के कुरुक्षेत्र में हे केशव दे हमें विवेक हे युग सारथी हटा मिटा दे मन में धुंधवाता अविवेक...
धन्य तुम्हारा जीवनदान सोती दुनिया जाग रही थी दूर निराशा भाग रही थी मन में जलती आग रही थी उस...
धन्य हुई है आलोकित कर जिसको प्रथम किरण दिनकर की भरत भूमि यह है चिर पूजित विमल कृति यह है...