Lakho Manaa Ekthya Karun-लाखो मनां एकठ्या करुन
लाखो मनां एकठ्या करुन हार गुथयलो वाढोवंक सोबाय आवयच्या गळ्यांत घातिल्लो गळ्यांत घातिल्लो हिऱ्या झेलो मोगऱ्या झेलो ॥धृ॥ एकत्वाचो सुईदोरो...
लाखो मनां एकठ्या करुन हार गुथयलो वाढोवंक सोबाय आवयच्या गळ्यांत घातिल्लो गळ्यांत घातिल्लो हिऱ्या झेलो मोगऱ्या झेलो ॥धृ॥ एकत्वाचो सुईदोरो...
लहर लहर लहराता भगवा प्यारा। नील गगन में फहराता भगवा प्यारा॥ध्रु ०॥ ॠषि मुनियों का तपस्वियों का यह मनभावन अग्नि...
लढता लढता आत्मसमर्पण मरण नव्हे रे ते चिर- जीवन॥ पायातिल जो होउन पत्थर स्वातंत्र्याचे उभवी मंदिर थोर खरोखर तो कळसाहुन॥१॥...
चला निघु या सरसावोनी देशाच्या उध्दरणी॥ धृ ॥ विसकटलेले अवघे जीवन खंत जयांना याची पडती स्वप्ने उत्थानाची उज्ज्वल भवितव्याची जागरुक...
कृत्वा नव दृढ संकल्प वितरन्तो नव संदेशम घटयामो नव संघटनं रचयामो नवमितिहासम् || धृ ||नवमन्वन्तर शिल्पीन: राष्ट्रसमुन्नति कांक्षिण: | त्यागधन:...
क्रांति पग बढ़ाये चल मार्ग है प्रशस्त युवा क्रान्ति पग बढाए चल क्रांति पग बढाए चल क्रांति पग बढाए चल...
कोटि स्वर वन्दन निरत ओ मुक्त माँ अभिमानिनी। कोटि कर जीवन कुसुम नैवेद्य से थाली संजोये कोटि कर अर्चन रहे...
कोटि शीर्ष जय कोटि नयन जय। कोटि बाहु जय कोटि चरण जय॥ एक विराट पुरुष तुम भारत प्रगटित कोटि-कोटि देहों...
कोटि मनांचा अमृत सागर आज गर्जतो घोष शुभंकर॥धृ॥ या घोषातुन आज प्रगटले स्वप्न सुमंगल ह्र्दयामधले पराक्रमाचे तेज उसळले चैतन्याने भरले...
कोटि-कोटि हिन्दू जन का, हम ज्वार उठाकर मानेंगे। कोटि-कोटि हिन्दू जन का, हम ज्वार उठाकर मानेंगे। सौगंध राम की खाते...
कितने ही युग से हे जननी कितने ही युग से हे जननी जग तेरे यश गाता। भगवति भारत माता॥ हिमाच्छन्न...
किस रज से बनते कर्मवीर होते ही क्या रक्तरंजित या वज्रपूर्ण उनके शरीर॥ नभ में घन गरजे घहर-घहर दामिनि बन...