माया तन्त्र पटल १०, मायातन्त्रम् दसवां: पटलः Maya Tantra Patal 10
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से मायातन्त्र के पटल १० में विशिष्ट पुरश्चर्या विधान, मन्त्रसिद्धि निरूपण और योगसाधन तथा त्रिविध भाव...
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से मायातन्त्र के पटल १० में विशिष्ट पुरश्चर्या विधान, मन्त्रसिद्धि निरूपण और योगसाधन तथा त्रिविध भाव...
मार्कण्डेयजी के द्वारा किये हुए मृत्युञ्जय स्तोत्र का जो भगवान् शङ्कर के समीप पाठ करेगा, उसे मृत्यु से भय नहीं होता है...
तन्त्र श्रृंखला में आगमतन्त्र से मायातन्त्र के पटल ११ में काली, दुर्गा और तारिणी आदि सब देवियाँ एक ही हैं,...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३० में मूलाधार पद्म का विवेचन है। षट्चक्र भेदन के लिए भेदिनी मन्त्रोद्धार है और सभी योगिनी...
रुद्रयामल तंत्र पटल २९ में पुन: षट्चक्र भेदन कहा गया है। षट् चक्र का ज्ञाता साधक सर्वशास्त्रार्थ का ज्ञाता होता...
शिवसूत्र को वैदिक संस्कृत भाषा में लिखा गया था । इसमें कुल ३ अध्याय और ७७ सूत्र हैं, जो काश्मीरी...
स्पन्द कारिका भगवत् आचार्य वसुगुप्त की कृति है तथा उनके शिष्य श्री कल्लटाचार्य जी ने श्लोकबद्ध करके ग्रन्थ का आकार...
शिवसूत्र में तीन उन्मेष हैं। प्रथम शांभव उन्मेष में योग की परावस्था वर्णित है। द्वितीय उन्मेष शाक्तोपाय में चंचल मन...
इससे पूर्व अंक में स्पन्द कारिका के प्रथम प्रकरण और द्वितीय प्रकरण को दिया गया अब तृतीय प्रकरण में विभूतिस्पन्द...
शिवसूत्र में शाम्भव, शाक्त एवं आणव तीन प्रकरण हैं। तृतीय आणवोपाय उन्मेष में आत्मा, माया आदि विषयों का निरूपण किया...
त्रोटकाष्टक अथवा तोटकाष्टक एक गुरु स्तुति है। जिसे तोटकाचार्य जी ने अपने गुरु आदि शंकराचार्यजी की प्रशंसा और सम्मान में...
कवि श्रीजयदेवजीकृत श्रीगीतगोविन्दम् प्रथम सर्ग सामोद-दामोदर तृतीय सन्दर्भ अष्ट पदि ३ में इस तृतीय प्रबन्ध का नाम “माधव उत्सव कमलाकर"...