बहुरूपगर्भस्तोत्र || Bahurup Garbha Stotra
बहुरूपगर्भस्तोत्र भारतीय संस्कृति का प्राण है। सकल कामना पूर्ति में सहायक इस स्तोत्र की महत्ता अनिर्वचनीय है। इस मूर्धन्य स्तोत्र...
बहुरूपगर्भस्तोत्र भारतीय संस्कृति का प्राण है। सकल कामना पूर्ति में सहायक इस स्तोत्र की महत्ता अनिर्वचनीय है। इस मूर्धन्य स्तोत्र...
स्वच्छन्द भैरव ने जो सिंह चर्म ओढ़ा है वह शुद्धविद्या ईश्वर, सदाशिव, शक्ति और शिव इन पांचों तत्त्वों का चिद्...
यदि कुमारी कन्या माता गौरी का व्रत रख इस स्तोत्र का पाठ करती है, तो उसे माँ दुर्गा की कृपा...
श्रीकृष्ण का यह अद्भुत स्तोत्र सुखद, मोक्षप्रद, सब साधनों का सारभूत तथा भवबन्धन को छुटकारा दिलाने वाला है। जब इन्द्र...
दैत्य धेनुकासुर द्वारा किये गये इस श्रीकृष्ण स्तोत्र का जो प्रतिदिन भक्तिभाव से पाठ करता है, वह अनायास ही श्रीहरि...
जो पूजाकाल में विप्रपत्नियों द्वारा किये गये इस श्रीकृष्णस्तोत्र का पाठ करता है, वह ब्राह्मणपत्नियों को मिली हुई गति को...
जो मनुष्य श्रीकृष्ण के इस स्तोत्र का तीनों काल पाठ करता है, वह धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का दाता हो...
जो भक्तिभाव सहित इस परशुरामकृत शिव स्तोत्र का पाठ करता है, वह सम्पूर्ण पापों से पूर्णतया मुक्त होकर शिवलोक में...
जो मनुष्य एकाग्रचित्त हो भक्तिभाव से प्रातः, मध्याह्न और सायंकाल इस विष्णुकृत गणेशस्तोत्र का सतत पाठ करता है, विघ्नेश्वर उसके...
महापुरुष स्तोत्र– ब्रह्माजी के श्राप से उपबर्हण गन्धर्व का शरीर त्याग देने पर ब्रह्मा आदि देवताओं द्वारा उपबर्हण को जीवित...
तुलसी के पत्र और पुष्प भगवान् श्रीविष्णु को बहुत ही प्रिय है। उसी प्रकार तुलसी के पुण्यमय स्तोत्र का श्रवण...
तुलसी स्तुति या तुलसी स्तवन- भगवान नारायण कहते हैं- मुने! तुलसी के अन्तर्धान हो जाने पर भगवान श्रीहरि विरह से...