थायराइड की समस्या को ख़त्म करने के लिए करें 6 योगासन Yoga for Thyroid in Hindi

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योग करने से शारीरिक शक्ति के साथ साथ मन को भी शांति मिलती है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर का स्वास्थ्य उत्तम रहता है। थायराइड के लिए 6 योगासन काफी कारगर हो सकते  है।

ये योगासन  करके थायराइड की समस्या से  छुटकारा भी प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान समय की व्यस्त दिनचर्या में योग का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं कि थायराइड क्या है,और इसके लिए कौन –कौन से योगासन है ।

थायराइड क्या है What is Throid

थायराइड एक ग्रंथि है जो गले में तितली की आकार की संरचना लिए हुए रहती है। थायराइड ग्रंथि से T3 व T4 नामक हार्मोन स्रावित होते हैं। ये यह हारमोंस हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं ।

हमारे शरीर के समस्त फंक्शन को चलाने के लिए इनका महत्व होता है। जैसे पाचन तंत्र शरीर का वजन कितना होना चाहिए ,हड्डियों का विकास, दिमाग का विकास ,बालों का झड़ना ,त्वचा ,रक्त संचार ,दिल की धड़कन ,भूख लगना ,इन सभी पर थायराइड ग्रंथि से स्रावित होने वाले हारमोंस ही जिम्मेदार होते हैं।

 जब थायराइड ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन कम मात्रा में स्रावित होते हैं तब भी बीमारी आती है। और अधिक मात्रा में स्रावित होते हैं तब भी बीमारी आती है ।क्योंकि किसी चीज की अधिकता होना ठीक नहीं होता है।

 जिस प्रकार भोजन में नमक की मात्रा अधिक हो जाए तभी भोजन बेस्वाद हो जाता है। और यदि नमक की मात्रा कम हो जाए तब भी भोजन बेस्वाद हो जाता है।भोजन में नमक की मात्रा जब संतुलित होती है तो भोजन स्वादिष्ट बनता है।

ठीक इसी प्रकार हमारे शरीर में भी जो भी हारमोंस हैं और जब बैलेंस में रहते हैं तो शरीर की संपूर्ण क्रियाएं सुचारू रूप से चलती है और शरीर स्वस्थ रहता है। इनके कम या ज्यादा होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।

थायराइड के लक्षण Symptoms of Thyroid

यदि लंबे समय से भूख की कमी होना या भूख बहुत ज्यादा लगना, शरीर का वजन बढ़ना या शरीर का वजन घटना, किसी काम में मन न लगना ,शरीर हमेशा थका थका हुआ लगना, कब्ज, एसिडिटी व डायरिया यह सब लक्षण काफी समय से हो रहे हैं तो थायराइड की जांच जरूर करवा लेना चाहिए हो सकता है थायराइड से स्रावित होने वाला हार्मोन कम या अधिक स्रावित होता हो ।

थायराइड असंतुलित क्यों होती है Why is the Thyroid Unbalanced

थायराइड असंतुलित होने के दो कारण होते हैं

 पहला है पोषक तत्वों की कमी होना।

दूसरा कारण है ऑटोइम्यून डिजीज

अब आइए जानते हैं कि थायराइड को बैलेंस कैसे करें

योग के द्वारा कुछ योगासनों को करके थायराइड ग्रंथि से स्रावित होने वाले हारमोंस को बैलेंस किया जाता है।

योग द्वारा थायराइड का संतुलन | थायराइड के लिए योगा– Yoga Poses for Thyroid

1-विपरीत करणी योगासन

2-सूर्यनमस्कार

3-सर्वांगासन

4-हलासन

5-भुजंगासन

6-उष्ट्रासन

1-विपरीत करणी योगासन

यह योगासन अधिक लाभ प्रदान करने वाला योग आसन है।इस आसन के नियमित अभ्यास से घुटने और कमर दर्द में भी लाभ मिलता है। थायराइड के लिए यह आसन उपयोगी आसन है।

विपरीत करणी योगासन करने की विधि

1- इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाय ।

2-  हाँथ और पैरो को जमीन पर सीधा रखें ।

3- धीरे –धीरे पैरो को ऊपर की ओर उठायें ।अपने ऊपर के शरीर को सीधा रखें ।

4- दोनों पैरो को नब्बे डिग्री का कोण बनाते हुए ऊपर की तरफ ले जाय ।

5- कूल्हों के नीचे अपने सुविधानुसार कम्बल या गद्दीदार कोई तकिया आदि रख सकते हैं ।

6- इस स्थिति में जब तक रुक सके रुके पुनः प्रारम्भिक अवस्था में आ जाय ।

2- सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार योगासन करने से सम्पूर्ण शरीर को बल मिलता है ।यह आसन हार्ट ,किडनी फेफड़ो को स्वस्थ्य रखने के साथ –साथ थायराइड की समस्या को भी दूर करता है ।

3-सर्वांगासन

1-सर्वांगासन थायराइड को सक्रिय एवं स्वस्थ बनाता है। इसलिए मोटापा, दुर्बलता, कदम वृद्धि में कमी एवं थकान आदि विकार दूर होते हैं।

2-एड्रिनल, शुक्र ग्रंथि एवं दिव्य ग्रंथियों को सबल बनाता है।

3-सर्वांगासन में थायराइड ग्रंथि पर दबाव पड़ने के कारण थायराइड ग्रंथि ठीक से काम करने लगती है।

4-लगातार इस आसन का अभ्यास करने वाले लोगों की फ्राइड की समस्या ठीक हो जाती है।

 5- पेट के समस्त विकार दूर हो जाते हैं। शरीर में ब्लड सरकुलेशन बेहतर हो जाने के कारण एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति प्राप्त होती है।

6-इस आसन को करने से थकान और दुर्बलता आदि दूर हो जाती है।

4- हलासन

1- हलासन मेरुदंड को स्वस्थ एवं लचीला बना कर पृष्ठ भाग की मांसपेशियों को भी विस्तृत एवं निरोग बनाता है।

2- थायराइड ग्रंथि को चुस्त करके मोटापा ,बौनापन एवं दुर्बलता आदि रोग को दूर करता है।

3- संपूर्ण उदर रोगों में लाभकारी होता है अजीर्ण ,मंदाग्नि, गैस, कब्ज को समाप्त कर उदर रोगों से मुक्ति दिलाता है।

5- भुजंगासन

1-इस आसन को करने से शरीर में खिंचाव पैदा होता है इसी खिंचाव के कारण पीठ और गर्दन के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए यह आसन उपयोगी है।

2-इस आसन को करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है। जिससे पेट की चर्बी कम होती है और मोटापा जिनका अधिक बढ़ जाता है ,उनके लिए यह आसन लाभदायक है ।

3- इस आसन को करते समय गले की मांशपेशियो में खिचाव होता है ।यह आसन थायराइड के लिए उपयोगी आसन है ।

6-उष्ट्रासन

1-उष्ट्रासन करने से रीढ़ की हड्डी लचीली व मजबूत होती है।रीढ़ की हड्डी से जुड़ी हुई बीमारियों में उष्ट्रासन करने से लाभ मिलता है या उष्ट्रासन करने वाले व्यक्ति को इससे संबंधित बीमारी होने की संभावनाएं कम होती है।

2-इस आसन को करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। जिससे ऑक्सीजन की मात्रा संपूर्ण शरीर में समुचित ढंग से होती है

3-इस आसन को करने से शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।

4-इस आसन को करने से थायराईड की समस्या से लाभ मिलता है ।

ये सभी योगासन थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए उपयोगी है ।इनके नियमित अभ्यास से थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले हारमोंस को बलेंस किया जा सकता है व् अपने को फिट रक्खा जा सकता है ।

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