Avirat Shramne Sanghjine || अविरत श्रमणे संघजिणे
अविरत श्रमणे संघजिणे स्वप्नीही ध्येय पुनीत मने ॥ध्रु॥ ईश्वरे अर्पिली अमोल काया विमुक्त व्हाया मन जिंकाया गतवैभव अपुले मिळवाया जागणे...
अविरत श्रमणे संघजिणे स्वप्नीही ध्येय पुनीत मने ॥ध्रु॥ ईश्वरे अर्पिली अमोल काया विमुक्त व्हाया मन जिंकाया गतवैभव अपुले मिळवाया जागणे...
झुंजार मनांच्या लखलखत्या समशेरी घेऊन मारु या अटकेपार भरारी॥धृ॥ पाहून भोवती दुरवस्थेचा पूर संताप होउनी फुटून उठतो ऊर श्वासास जाळिते...
झडल्या भेरी झडतो डंका पुढचे पाउल पुढेच टाका॥ धृ ॥ तोंड लागले आज लढ्याला चहुबाजूंनी येइल घाला छातीवरती शस्त्रे झेला...
युगायुगातिल हे सिंहासन आज पुन्हा जाहले सचेतन ॥ परंपरेचे अमुच्या उज्वल संस्कृतिचे हे प्रतीक मंगल भारतीय हृदयातिल झाले स्वप्न आज...
యుగయుగాల స్నేహబంధమిది రక్షాబంధన్ కలిమి లేమిలో కష్ట సుఖములో నీవే నేనుగ నేనే నీవుగ కలిసి చరించే జ్ఞానమిచ్చెడి ప్రేరక బంధనమిది రక్షా బంధన్ విడివిడిగా పడిపోయిన...
युगादर्श युगपुरुष महात्मन् युग द्रष्टा युग निर्माता देकर जन्म आपको माधव धन्य हुई भारत माता॥ हुई पददलित भरत भूमि जब...
युग युग से स्वप्न संजोये जो हमको पूरे कर दिखलाना। फिर रामराज्य है भारत के उजड़े कानन में विकसाना॥ इन...
ಯೋಧರೇ ಯೋಧರೇ ಬಯಸೀಬನ್ನೀ ಶುಭೋದಯಕೇ ಸ್ವಾಗತಾ ಸ್ವರಾಷ್ಟ್ರತಾ ಕಾಸ್ಯದಲ್ಲೀ ಸುಪ್ರಭಾತಸೃಜೀಸುತಾ ಧೃ ಯೇಳೀ-ಯೇಳೀ ಬೈಲುಹಾಳೀ ಸುಖಾಗಮನ್ ಹೇಲೀ ದೇ ಹೇಜ್ಜ-ಹೇಜ್ಜ ಭೂಸ್ವದೇಶ ತನ್ನಮಹಿಕೇ ತಿಲಸೀ ದೇ ಹೇಜ್ಜಭೂಮೀ...
बंजारन मैं बंजारन, भोले तेरी बंजारन, बैजनाथ मैं गई, विश्वनाथ भी गई, दर्शन करके धन्य हुई, अब दीवानी हो गई...
ఎటులూహించితివయ్యా విజయము ఏ విధి గాంచితివయ్యా వేయి యేండ్లుగా విఘటన కెరయై తుంటరి మూకల దాడికి గురియై ఒంటరి బ్రతుకై ఓటమి పాలై విరిగిన పాలగు వీర...
यह मातृ - भूमि मेरी, यह पितृ - भूमि मेरीयह मातृ भूमि मेरी, यह पितृ भूमि मेरी पावन परम जहां...
ये उथल-पुथल उत्ताल लहर पथ से न डिगाने पायेगी। पतवार चलाते जायेंगे मंजिल आयेगी-आयेगी॥ लहरों की गिनती क्या करना कायर...