Shura Vayam Dheera vayam-शूरा वयं धीरा वयं
शूरा वयं धीरा वयं वीरा वयं सुतराम्। गुणशालिनो बलशालिनो नयगामिनो नितराम्॥ध्रु॥दृढमानसा गतलालसा प्रियसाहसा सततम्। जनसेवका अतिभावुका शुभचिन्तका नियतम्॥१॥ धनकामना सुखवासना...
शूरा वयं धीरा वयं वीरा वयं सुतराम्। गुणशालिनो बलशालिनो नयगामिनो नितराम्॥ध्रु॥दृढमानसा गतलालसा प्रियसाहसा सततम्। जनसेवका अतिभावुका शुभचिन्तका नियतम्॥१॥ धनकामना सुखवासना...
शून्य पथ पर बढ़ रही थी देश की उठती जवानी। शून्य में लय हो रही थी राष्ट्र जीवन की कहानी...
शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है ॥धृ॥ प्रेम जो केवल समर्पण भाव को ही जानत है और उसमे...
शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है ॥धृ॥ प्रेम जो केवल समर्पण भाव को ही जानत है और उसमे...
शपथ लेना तो सरल है पर निभाना ही कठिन है। साधना का पथ कठिन है साधना का पथ कठिन॥ शलभ...
शाखा में संस्कारित करते ऋषियों ने जो मंत्र गुंजाये। संघ शक्ति कलियुग में जागे केशव ने नवतन्त्र रचाये॥ सोये हिन्दू...
ಸೇವೆಯ ಸೇತುವೆ ಕಟ್ಟಲು ಬನ್ನಿ ವ್ಯಕ್ತಿ ಸಮಾಜದ ನಡುವೆ ನಾಡದೇವತೆಗೆ ಅರ್ಪಿಸ ಬನ್ನಿ ತನುಮನದನದ ವಡವೆ || ಪ || ಸೇವೆಯೆ ತತ್ವದ ಸಾರವು ನಿಜದಿ ಸೇವೆಯೆ...
ಸೇವೆಯೆಂಬ ಯಜ್ಞದಲ್ಲಿ ಸಮಿಧೆಯಂಥೆ ಉರಿಯುವಾ ಧ್ಯೇಯ ಮಹಾಜಲಧಿಯೆಡೆಗೆ ಸಲಿಲವಾಗಿ ಹರಿಯುವಾ ಲೋಕಹಿತದ ಕಾಯಕ ನಾಡಿಗಭಯದಾಯಕ ವ್ಯಕ್ತಿವ್ಯಕ್ತಿಯಾಗಬೇಕು ನೈಜ ರಾಷ್ಟ್ರಸೇವಕ ||ಪ|| ಉಚ್ಚನೀಚ ಭೇದವ ಅಳಿಸಿದೂರಗೊಳಿಸುವಾ ರೊಚ್ಚುರೋಷ ನೀಗುತಾ...
सेवा है यज्ञकुन्ड समिधा सम हम जलें ध्येय महासागर में सरित रूप हम मिलें । लोक योगक्षेम ही राष्ट्र अभय...
सय्यम में जीवन हो नैतिकता की सुर सरिता में जन जन मन पावन हो॥धृ॥ अपने से अपना अनुशासन जीवन की...
सत्कार्याचे अखण्ड चिंतन वीरव्रताचे रक्षाबन्धन ॥धृ॥ पराक्रमाला हे आवाहन संकल्पाचा अग्नि सचेतन धगधगत्या निष्ठेचे स्पंदन तारुण्याचे चिरसंवर्धन ॥१॥ शीरी कोसळो...
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा हम बुलबुले है इसकी ये गुलसिता हमारा ॥धृ॥ घुर्बत मे हो अगर हम रहता...