मृतष्टक स्तोत्र – Mrityshtak Stotra
॥ मृत्य्वष्टकम् ॥ गारुडपुराणान्तर्गतम् सूत उवाच । स्तोत्रं तत्सं प्रवक्ष्यामि मार्कण्डेयन भाषितम् । स्तोत्रम् सर्वं दामोदरं प्रपन्नोऽस्मि किन्नो मृत्युः करिष्यति...
॥ मृत्य्वष्टकम् ॥ गारुडपुराणान्तर्गतम् सूत उवाच । स्तोत्रं तत्सं प्रवक्ष्यामि मार्कण्डेयन भाषितम् । स्तोत्रम् सर्वं दामोदरं प्रपन्नोऽस्मि किन्नो मृत्युः करिष्यति...
ब्रह्मवैवर्तपुराण के खण्ड २ (प्रकृतिखण्ड) अध्याय ३९ के श्लोक ५२ से ७२ तक इन्द्रकृत लक्ष्मी स्तोत्र वर्णित है। यह स्तोत्र...
जो मनुष्य इस मन्त्रात्मक श्रीमारुतिस्तोत्र का पाठ करता है, वह यश और सर्वत्र विजयी होता है तथा उसके सारे शत्रुओं...
कवि जयदेव की कही हुई इस मनोहर, आनन्ददायक, कल्याणमय तत्त्वरूप दशावतार स्तोत्र स्तुति का पाठ करने से सभी कलङ्क मिटता...
भगवान विष्णु की सहायता से देवताओं और दैत्यों ने मिलकर समुद्र मंथन किया जिसके बाद लक्ष्मी जी की कृपा से...
सन्ध्या ने श्रीहरि की छवि देखकर मैं भय के साथ क्या कहूँगी अथवा किस प्रकार से हरि भगवान का स्तवन...
इस ब्रह्मदेव स्तोत्र के पाठ मात्र से महापातकों का नाश हो जाता है । डाकिनी के साथ ब्रह्मदेव का ध्यान...
मूलाधार पद्म में चित्त को समाहित कर, अनेक प्रकार के द्रव्यों से व अनेक उपकरणों से पूजाकर मानस जाप तथा...
आनन्दभैरव उवाच षट्चक्रभेदनकथां कथयस्व वरानने ॥ २८-७१॥ हिताय सर्वजन्तूनां हिरण्यवर्णमण्डितम् । प्रकाशयस्व वरदे योगानामुदयं वद ॥ २८-७२॥ आनन्दभैरव ने कहा...
परमेश्वर स्तोत्र का नित्य पाठ करने से साधक संसार के सभी दुःखों से मुक्त हो जाता है। जगदीश सुधीश भवेश...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३१ में भेदिनीदेवी के स्तोत्र की साधना विधियों का वर्णन है। इसके बाद छेदिनी स्तोत्र (छेदिनीस्तव) के...
पहले प्रजापति दक्ष ने जल, थल और आकाश में रहने वाले देवता, असुर एवं मनुष्य आदि प्रजा की सृष्टि अपने...