Ek Saath Ucchar Kare || एक साथ उच्चार करे
एक साथ उच्चार करे, हम ऐसा व्यवहार करे एक मन्त्र का घोष करे, कृण्वन्तो विश्वमार्यम ॥आज नही प्राचीन समय से,...
एक साथ उच्चार करे, हम ऐसा व्यवहार करे एक मन्त्र का घोष करे, कृण्वन्तो विश्वमार्यम ॥आज नही प्राचीन समय से,...
एक नया इतिहास रचें हम एक नया इतिहास। डगर-डगर सब दुनियाँ चलती हम बीहड़ में पन्थ बनायें। मंजिल चरण चूमने...
एक-एक पग बढ़ते जायें बल वैभव का युग फिर लायें॥ जन -जन की आँखों में जल है भारत माता आज...
एक बार करवट तो बदलें सारा जग जयकार करेगा एक बार करवट तो बदलें॥ जड़ चट्टाने करवट लेंती नग उपत्यका...
एक राष्ट्र का चिन्तन मन में कोटि-कोटि जनता की जय हो भारत जननी एक हृदय हो स्नेह सिक्त मानस की...
एक अंतरी आस आमुच्या मुखांत एकच गान देशासाठी उधळू हासत फुलापरी हे प्राण ॥ धृ ॥ एक आमुची आई भारत...
ఏ దేశమేగిన కానము ఇటువంటి భూస్వర్గ స్థానము బహు పుణ్య ప్రదమైన భూమిరా మన హిందు స్థానము జగతిని తొల్లి కాలము నాటి భారతీ విద్య కెల్ల...
दुष्ट राष्ट्रकंटकांस ठेचुनी चहुकडे संघ चालला पुढे ॥धृ॥ दीर्घकाळ हिंदुंनी घनान्धकार साहिला सहस्र वर्ष हा समाज विस्मृतीत राहिला आज त्यास...
दुर्दम्य होतील आशा आकांक्षा होतील संग्रामगीते पुरी देशार्थ होतील त्यागी विरागी होईल संक्रात तेव्हा खरी॥धृ॥ सुवर्णांचलाचे कुणीही किती कडे तोडूनी...
दुर्दम्य होगी जब आशा आकांक्षा संग्राम संगीत गायें सभी। देशार्थ होवेंगे त्यागी संक्रांति सच्ची मनायें तभी॥ हुआ भ्रष्ट माता का...
दुदुंभी यशाच्या वाजवू संक्रांत जनमनी जागवू॥धृ॥ शिस्तशील ही हिंदू जनता एक स्वभावे समर्थ होता पूर्विच्या वैभवा लाजवू॥१॥ संघटनेचा हा अभिमान...