Nako Amha Duniyecha Maan-नको आम्हा दुनियेचा मान
नको आम्हा दुनियेचा मान प्रभो रे तव चरणाची आण॥धृ जग हे काही म्हणो आम्हासी आम्ही न सोडू कधि संघाशी देऊ...
नको आम्हा दुनियेचा मान प्रभो रे तव चरणाची आण॥धृ जग हे काही म्हणो आम्हासी आम्ही न सोडू कधि संघाशी देऊ...
नदिया न पिये कभी अपना जल, वृक्ष न खाए कभी अपना फल ×२ अपने तन को मन को धन को...
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी। सदा जो जगाये बिना ही जगा है अँधेरा...
मुक्त प्राणों में हमारे देश का अभिमान जागे॥ हो गये साकार सपने स्कन्ध पर अब भार अपने पापिनी तन्द्रा उदासी...
मुक्त हो गगन सदा स्वर्ग सी बने मही। संघ साधना यही राष्ट्र अर्चना यही॥ व्यक्ती व्यक्ती को जुटा दिव्य सम्पदा...
तुम्हें जन्म दे धन्य हुई माँ भारत -भुमि हमारी। नव जीवन भर कण-कण में ब्रम्ह-प्रेम रस धारा। अमिट राग भरकर...
मोद बहरतो मनामनातुन यशवार्ता ये कानी विजयध्वज हा उंच उभारू गाऊ मंगल गाणी॥धृ॥ आज पडे हे पाउल पहिले यशःपथावरती वाट...
मी युग नव निर्मीन मी युग नव निर्मीन॥ धृ॥ रुखल्या सुखल्या भूमीवरती सद्भावाने करुनी वसती संस्कारांचे जल सिंचुनिया सोनमळे पिकविन॥१॥...
मी वंदितो पदराजे विनये तयांची ज्यांची मने विमल सुंदर सोनियाची जे संकटास न भिती न जयास पाश आशा सदैव अमरा...
मेरी चिर-साध सफल कर दे। विस्मृत कर दे मेरे बीते जीवन का अज्ञान कर दे उज्ज्वल परम प्रकाशित भव्य-भविष्य महान...
मातृभूमि गान से गूँजता रहे गगन स्नेह नीर से सदा फूलते रहें सुमन। जन्म सिध्द भावना स्वदेश का विचार हो...
मातृ-भू की मुर्ति मेरे ह्रदय मन्दिर में विराजे। कोटि हिन्दु हिन्दुवासी मातृ मन्दिर के पुजारी प्राण का दीपक संजोए आरती...