अगर पेड़ भी चलते होते – दिविक रमेश
अगर पेड भी चलते होते कितने मजे हमारे होते बांध तने में उसके रस्सी चाहे जहाँ कहीं ले जाते जहाँ...
अगर पेड भी चलते होते कितने मजे हमारे होते बांध तने में उसके रस्सी चाहे जहाँ कहीं ले जाते जहाँ...
न हाथ एक शस्त्र हो, न हाथ एक अस्त्र हो, न अन्न वीर वस्त्र हो, हटो नहीं, डरो नहीं, बढ़े...
देखो लड़को, बंदर आया। एक मदारी उसको लाया॥ कुछ है उसका ढंग निराला। कानों में है उसके बाला॥ फटे पुराने...
हंसमुख रहना बड़ी बात है असफलता पर रोना–धोना केवल समय कीमती खोना काँटों में भी खिलने वाले फूलों जैसे हमको...
क्या कहने हैं सूरज भाई अच्छी खूब दुकान सजाई और दिनों की तरह आज भी जमा दिया है खूब अखाड़ा...
मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ एक दिन जब था मुँडेरे पर खड़ा आ अचानक दूर से उड़ता हुआ एक...
देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली इसने ही तो कूक–कूक कर आमों में मिसरी घोली कोयल कोयल...
कौन सिखाता है चिडियों को चीं–चीं चीं–चीं करना? कौन सिखाता फुदक–फुदक कर उनको चलना फिरना? कौन सिखाता फुर से उड़ना...
चूहे राज क्रिकेट टीम के चुने गए कप्तान अपनी बल्लेबाजी का था उनको बहुत गुमान पैड बांध दस्ताना पहने हेलमैट...
नाव चली नानी की नाव चली नीना के नानी की नाव चली लम्बे सफ़र पेसामान घर से निकाले गये नानी...
गीतों का सम्मेलन होगा, तुम सबको यह बात बतानी, अकड़–अकड़ कर मेंढक बोले, तुम भी चलना कोयल रानी। मीकू बंदर,...
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा सदा शक्ति बरसाने वाला प्रेम–सुधा सरसाने वाला वीरों को हर्षाने वाला मातृभूमि...