nava bhagIratha kESavunaku – నవ భగీరథ కేశవునకు
నవ భగీరథ కేశవునకు శతజయంతి నీరాజనం శతజయంతి నీరాజనం చిన్ననాటనె మాతృ సేవలో స్వీకరించెను ప్రతిన యొక్కటి తెల్లవారల తరిమివేయగ కృషినొనర్చెను పలు తెరంగుల ఆత్మ విస్తృతి...
నవ భగీరథ కేశవునకు శతజయంతి నీరాజనం శతజయంతి నీరాజనం చిన్ననాటనె మాతృ సేవలో స్వీకరించెను ప్రతిన యొక్కటి తెల్లవారల తరిమివేయగ కృషినొనర్చెను పలు తెరంగుల ఆత్మ విస్తృతి...
नवचैतन्य हिलोरे लेता जाग उठी है तरुणाई हिंदुराष्ट्र निज दिव्य रूप मे उठा पुनः ले अंगडाई जाग उठी है तरुणाई...
नसे कशाची तमा अम्हाला तीच गुरुपौर्णिमा मातृभूमिच्या मंगलभाली कुंकुमयुत पौर्णिमा ॥धृ॥ मुठीमठिनी धान्य धना वितरु प्रेमाच्या सदना सोडुनि भय संभ्रमा॥१॥...
nanhaa munnaa raahii huu.N, desh kaa sipaahii huu.N bolo mere sa.ng, jay hi.nd, jay hi.nd, jay hi.nd ... raste pe...
॥ नमो नमोस्तु ॐ नमोस्तु सुजन वन्दिताय ते केशवाय गुणवते अतुलनीय तेजसे सुयश से सदूर्जसे राष्ट्रधर्म तारकाय सर्वलोक हितकृते केशवाय...
नमो नमस्ते नमो नमो भगवद् ध्वज हे नमोस्तु ते अरुणारुण कान्ति विराजित हे। अधिकाधिक कीर्ति प्रसारित हे उष्ण -शीत भानूदिगर...
నమో జనని భారతావనీ సకల సౌఖ్య సంధాయినీ గిరులందున తరులందున వనులందున గనులందున కోటి కోటి కంఠాలలో నీ కీర్తియే ప్రతిధ్వనించు ఈ జగమే పరవశించు ధర్మ...
नमन है इस मातृ भू को, विश्व का सिरमौर भारत । तप-तपस्या-साधना का, शौर्य का परिणाम भारत ॥ध्रु॥ स्वर लहरियां...
नको आम्हा दुनियेचा मान प्रभो रे तव चरणाची आण॥धृ जग हे काही म्हणो आम्हासी आम्ही न सोडू कधि संघाशी देऊ...
नदिया न पिये कभी अपना जल, वृक्ष न खाए कभी अपना फल ×२ अपने तन को मन को धन को...
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी। सदा जो जगाये बिना ही जगा है अँधेरा...
मुक्त प्राणों में हमारे देश का अभिमान जागे॥ हो गये साकार सपने स्कन्ध पर अब भार अपने पापिनी तन्द्रा उदासी...