Yaha hai Apani Bharat Mata-यह है अपनी भारत माता
यह है अपनी भारत माता सिर पर जिसके मुकुट हिमालय। चरणों में सागर लहराता यही अपनी भारत माता॥ध्रु०॥ जिसकी साड़ी...
यह है अपनी भारत माता सिर पर जिसके मुकुट हिमालय। चरणों में सागर लहराता यही अपनी भारत माता॥ध्रु०॥ जिसकी साड़ी...
यह भगवा राष्ट्र निशान फहराता प्यारा। वर्षाता पावित्र्य तेज की धारा॥ रक्तिमा अरुणसंध्या का दीप्तवर्ग अग्निशिखा का यह तिलक मातृभूमि...
यह कंकड़ पत्थर रेत नहीं यह तो माता है माता है युग-युग से रक्त लिए आता यह देश -धरम का...
यह देश मेरा धरा मेरी गगन मेरा। उसके लिये बलिदान हो प्रत्येक कण मेरा॥ इस भूमी पर मस्तक उठाये चल...
या रे शिशुंनो सारे या-सगळे मिळुनी खेळ खेळुया॥धृ॥ पवित्र भगवा ध्वज उभवू प्रणाम आपण त्यास करु खेळु सुखाने अन् शिस्तीने...
अमर रहे वैभव तेरा, मेरे वतन महान करें हम अंतिम सांस तक तेरा ही यशगान, तेरा गौरव गान ।। उठ...
ಉನ್ನತೋಜ್ವಲ ಗುರುಸ್ವರೂಪಿಯೆ ಧ್ವಜ ನಮೋ ಚಿರಸ್ಪೂರ್ತಿದಾತಾ ||ಪ|| ಹೃದಯ ಸಾಗರದರುಣ ಜಲದಲಿ ಭಾವಕಮಲದ ಅಗ್ನಿಕಾಂತಿ ಧ್ಯೇಯ ಭಾಸ್ಕರನುದಯ ಕಾಲದಿ ಅರಳಿ ದಲದಲ ತಾನೆ ಪ್ರಣತಿ ಭಕ್ತಿಯಲಿ ಶುಚಿ...
उन्नत मस्तक नील गगन में भगवा ध्वज फहरे भगवा ध्वज फहरे॥ बाँधे कंकण वीर-व्रती वन चुका सकें शत पीढी के...
उजाळिले तू तममय जीवन संघयुगाचा शालीवाहन॥धृ॥ कर्मयोग तव ज्वलंत प्रेरक मातीतुनही उठले सैनिक वाण सतीचे घेउनि दाहक प्रकाश फुलवित अंधारातुन॥१॥...
उगा सूर्य कैसा कहो मुक्ति का ये उजाला करोड़ों घरों में न पहुँचा। खुला पिंजरा है मगर रक्त अब भी...
उचलतो म्हणूनि बेलभंडार॥ धृ॥ यवनांनी थैमान मांडुनी, स्वदेश लुटिला दो हातांनी प्रतिकाराला पुढे न कोणी उच्छेदाचे सत्र चालले चहूकडे अनिवार॥१॥...
उच्च उज्ज्वल हिम -शिखर सम देवता की दिव्य गरिमा। तुम स्वयं ही बन गये थे ध्येय की साकार प्रतिमा स्नेह...