यमाष्टकम् , Yamashtakam
सावित्री उवाच तपसा धर्ममाराध्य पुष्करे भास्करः पुरा | धर्मं सूर्यः सुतं प्राप धर्मराजं नमाम्यहम् || १ || समता सर्वभूतेषु यस्य...
सावित्री उवाच तपसा धर्ममाराध्य पुष्करे भास्करः पुरा | धर्मं सूर्यः सुतं प्राप धर्मराजं नमाम्यहम् || १ || समता सर्वभूतेषु यस्य...
श्वेत उवाच ॐ नमो वासुदेवाय नमः संकर्षणाय च | प्रद्युम्नायानिरुद्धाय नमो नारायणाय च || नमोऽस्तु बहुरूपाय विश्वरूपाय वेधसे | निर्गुणाय...
श्री नारद उवाच अनयासेन लोकोऽयं सर्वान् कामानवाप्नुयात् | सर्वदेवात्मकं चैकं तन्मे ब्रूहि पितामह || १ || ब्रह्मोवाच शृणु देव मुनेऽश्वत्थं...
ॐ हरिं कृष्णं हृषीकेशं वासुदेवं जनार्दनम् | प्रणतोऽस्मि जगन्नाथं स मे पापं व्यपोहतु || चराचर गुरुं नाथं गोविन्दं शेषशायिनम् |...
दन्तेषु मरुतो देवा जिह्वायां तु सरस्वती | खुरमध्ये तु गंधर्वाः खुराग्रेषु च पन्नगाः || सर्वसन्धिषु साध्याश्च चन्द्रादित्यौ तु लोचने |...
ऋषिपुत्र उवाच त्वं धाता च विधाता च श्राद्धे चैव हि दृश्यसे | पितृणां परमो देवः चतुष्पाद नमोऽस्तु ते || कालज्ञश्च...
मुण्डकोपनिषद् प्रथम मुण्डक के द्वितीय खण्ड में कुल १३ मंत्र है। मुण्डकोपनिषद् प्रथम मुण्डक के प्रथम खण्ड में 'ब्रह्मविद्या', 'परा-अपरा...
श्री अरविन्दोपनिषद् में बतलाया गया है कि- ब्रह्म क्या है?उनका स्वरूप कैसा है? || अथ श्री अरविन्दोपनिषद् || ॐ एकमेवाद्वितीयं...
बृहस्पतिकवचम् - ऋग्वेद के अनुसार बृहस्पति को अंगिरस ऋषि का पुत्र माना जाता है और शिव पुराण के अनुसार इन्हें...
नारायण सूक्त के ऋषि नारायण, देवता आदित्य-पुरुष और छन्द भूरिगार्षी त्रिष्टुपु, निच्यदार्षी त्रिष्टुप् एवं आष्- र्यनुष्टुप् है। इस सूक्त में...
यदि आप भी आञ्जनेय नंदन हनुमान जी के भक्त हैं तो नित्य-क्रिया से निवृत होकर संध्या वंदन के समय या...
ज्येष्ठ महीने को ही पुरुषोत्तम मास या हरि मास कहा जाता है। पुरुषोत्तम मास में विष्णु अथवा भगवान श्री कृष्ण...