Dharma

इन कार्यों में कभी ना करें अहंकार, वरना व्यर्थ है सब

न च मां तानि कर्माणि निबध्नन्ति धनञ्जय। उदासीनवदासीनमसक्तं तेषु कर्मसु।। गीता 9/9।। अर्थ: हे अर्जुन! कर्म मुझको नहीं बांधते हैं,...

इस तरह पाएं परमात्मा के सनातन परम पद को

वेदेषु यज्ञेषु तपःसु चैव दानेषु यत्पुण्यफलं प्रदिष्टम् । अत्येति तत्सर्वमिदं विदित्वा योगी परं स्थानमुपैति चाद्यम् ।। गीता 8/28 अर्थ: इस...

इस तरह शरीर त्याग करने वाला ब्रह्म को प्राप्त होता है

अग्निर्ज्योतिरह: शुक्ल: षण्मासा उत्तरायणम् | तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जना: || 24|| अर्थ: अग्नि, ज्योति, दिवस, शुक्ल पक्ष, उत्तरायण...

कब मनुष्य होता है जन्म-मरण के बंधन से मुक्त?

यत्र काले त्वनावृत्तिमावृत्तिं चैव योगिन:| प्रयाता यान्ति तं कालं वक्ष्यामि भरतर्षभ|| गीता 8/23|| अर्थ: हे भरत श्रेष्ठ! जिस काल में...

आत्मा पुरुष या स्त्री, क्या कहा गया है गीता में

पुरुष: स पर: पार्थ भक्त्या लभ्यस्त्वनन्यया। यस्यान्त:स्थानि भूतानि येन सर्वमिदं ततम्।। गीता 8/22।। अर्थ: हे पार्थ ! जिस परम पुरुष...

ऐसे व्यक्तियों का फिर पुनर्जन्म नहीं होता

मामुपेत्य पुनर्जन्म दु:खालयमशाश्वतम्। नाप्नुवन्ति महात्मान: संसिद्धिं परमां गता: ।। गीता 8/15।। अर्थ : परम सिद्धि को प्राप्त महान आत्माएं, मुझको...

श्रीरामचरित मानस- लंकाकांड, मासपारायण, सत्ताईसवाँ विश्राम || Shri Ram Charit Manas Lankakand Sattaisavan Vishram

श्रीरामचरित मानस- लंकाकांड, मासपारायण, सत्ताईसवाँ विश्राम श्रीरामचरित मानस- लंकाकांड, मासपारायण, सत्ताईसवाँ विश्राम श्री रामचरित मानस षष्टम सोपान (लंकाकांड) तेही निसि...

श्रीरामचरित मानस- उत्तरकांड, मासपारायण, तीसवाँ विश्राम || Shri Ram Charit Manas Uttarakand Tisavan Vishram

श्रीरामचरित मानस- उत्तरकांड, मासपारायण, तीसवाँ विश्राम श्री रामचरित मानस सप्तम सोपान (उत्तरकांड) भगति पच्छ हठ करि रहेउँ दीन्हि महारिषि साप।...