GEETA GYAN

भोग की इच्छाओं के अनुसार देवताओं की पूजा

कामैस्तैस्तैर्हृतज्ञाना: प्रपद्यन्तेऽन्यदेवता:। तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियता: स्वया।। 7/20 जिन लोगों का ज्ञान कामनाओं की वजह से समाप्त जा चुका...

बुद्धिमान की बुद्धि और तपस्वी का तेज ‘मैं’

बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम् | बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्||7/10 हे अर्जुन! सब प्राणियों का सनातन बीज मुझे जानो। मैं बुद्धिमानों...

गुणों में रहकर गुणातीत का अनुभव नहीं कर सकते

त्रिभिर्गुणमयैर्भावैरेभि: सर्वमिदं जगत् | मोहितं नाभिजानाति मामभ्य: परमव्ययम् || गीता 7/13|| अर्थ : इन तीनों गुणों के भावों से यह...

भगवान ने ऐसे लोगों को बुद्धिहीन माना है

अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धय: | परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम् || गीता 7/24|| अर्थ : बुद्धिहीन लोग मेरे अविनाशी और सर्वश्रेष्ठ परम...

इसलिए गीता में श्रीकृष्ण ने कहा मैं सबको जानता हूं मुझे कोई नहीं

वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुन। भविष्याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्चन।। 7/26 हे अर्जुन! मैं भूतकाल की हर घटना...

गीता ज्ञानः यही चीज जन्म-मरण का कारण बन जाती है

इच्छाद्वेषसमुत्थेन द्वन्द्वमोहेन भारत। सर्वभूतानि सम्मोहं सर्गे यान्ति परन्तप।। गीता 7/27।। अर्थ : हे भरतवंशी अर्जुन! इच्छा और द्वेष से उत्पन्न...

तो आप लाभ हानि के चक्कर से मुक्त हो जाएंगे

येषां त्वन्तगतं पापं जनानां पुण्यकर्मणाम्। ते द्वन्द्वमोहनिर्मुक्ता भजन्ते मां दृढव्रता:।। गीता 7/28।। अर्थ : परंतु, पुण्य कर्म करने वाले जिन...